कल से जून यानी छुट्टी का महीना शुरू होने वाला है। अरे यार, दसवीं की परीक्षा, हे भगवान कितनी मेहनत करनी पड़ी, चलो ये पेपरों का भूत तो उतरा जूही ने भी मोना की हाँ में हाँ मिलते हुए कहा, "हाँ यार"।
जूही ने मोना से पूछा, "इन छुट्टियों में कहाँ घूमने का मन है या हर बार की तरह नानी जी के घर ही जाना है। जूही अरे यार, "ये पढ़ाई भी ना, पापा जी ने इस बार 5 जून से ही गणित और विज्ञान का ट्यूशन लगा दिया है। अच्छा कॉलेज ढूँढने को कह रहे है फिर एट्रेन्स परीक्षा भी पास करनी है। इस बार जून की सारी मौज-मस्ती की हवा निकल गयी यार।" मोना, "अरे यार, अगर ऐसा ही मेरे पापा भी कहने लगे, तो क्या होगा। वैसे भी मेरे पापा भी वही एडमिशन कराएंगे जहाँ तेरा होगा। शायद अंकल जी की बात अभी पापा जी से हुई नही है। अरे यार इस बार मुझे मामी जी के साथ देरहदून, मसूरी जाना था। अब क्या होगा। जूही "छोड़ यार ,अभी मंदिर चलते है देर हो रही है"। अरे जूही, यार वहाँ से वो फूल उठा ले, ठीक है यार तू देर मत कर।
मोना, जूही यार मेरे पापा ने भी मेरा ट्यूशन 5 जून से वहीं लगा दिया है और बोल रहे थे कि तेरे साथ ही उसी स्कूल में एडमिशन होना है। जूही, "वाह यार चल हम दोनों साथ तो रहेंगे।"
आज ट्यूशन का पहला दिन है, मोना जूही दोनों इंटरमीडिएट की पढ़ाई शुरू करने जा रही हैं। दोनों का कॉलेज लाइफ में नया कदम है। दोनों साथ में ट्यूशन जाती घर पर भी एक दूसरे के साथ पढ़ने का सिलसिला रहता दोनों के परिवार वाले आपस में परिचित हैं। दोनों ने एंट्रेंस एग्जाम पास करने के लिए बहुत मेहनत की क्योंकि दोनों एक ही साथ एक ही कॉलेज में पढ़ना चाहती थी।
वह दोनों आपस में बहुत अच्छी मित्र जो हैं। मेहनत सफल हुई और दोनों ही एंट्रेंस एग्जाम को पास कर लेती हैं। दोनों का एडमिशन एक ही स्कूल में हो जाता है दोनों ने विषय भी एक जैसे ही लिए हैं। उनके ग्यारवीं कक्षा में स्कूल का पहला दिल है। जूही और मोना नए वातावरण को लेकर थोड़ी असहज भी हैं। परंतु उन्हें बहुत खुशी है कि वो नए कॉलेज में इंटरमीडिएट शिक्षा का पहला दिन होने वाला है। इस बार दोनों और अधिक लग्न से पढ़ रही हैं। दौर गुज़र रहा है।
आज जूही के साथ वो हुआ जो उसकी ज़िंदगी में पहले कभी नही हुआ था। हाँ उसे सुना जरूर था, एक लड़के ने जूही से क्लास में जाते समय पीछे से बोला हैलो जूही आप बहुत ख़ूबसूरत है, और मुझे बहुत अच्छी लगती हो।जूही एकदम सन्न रह गयी उसकी समझ में नही आया कि वो उसे क्या जबाब दे। वो आश्चर्यचकित थी कि वो लड़का उसे ऐसा क्यों बोल रहा है, उसने उसे कभी उस लड़को ध्यान से देखा तक नही। जूही सोचती हुई क्लास में चली गयी। लेकिन उसे वो बात बहुत असहज कर रही थी। मोना ने पूछा क्या हुआ जूही, इतनी परेशान क्यों लग रही है। आज आंटी जी ने डाँटा क्या? अरे नही यार जूही ने कहा। फिर क्या बात है मोना ने पूछा। छोड़ना यार कुछ नही। चल ठीक है बाबा। मत बता,
अरे जूही तूने नोटबुक पूरी कर ली क्या? हाँ और तूने मोना, नही यार थोड़ी रह गयी है।
शेष अगले भाग में....